शिवलिंग पर जल चढ़ाने की विधि: भगवान शिव को प्रसन्न करने का सरल उपाय
शिवलिंग पर जल चढ़ाना भगवान शिव की पूजा का एक अनिवार्य अंग है। यह माना जाता है कि जल चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूरी करते हैं। शिवलिंग पर जल चढ़ाने की विधि न केवल सरल है, बल्कि यह आध्यात्मिक शुद्धिकरण और शांति प्राप्त करने का भी एक तरीका है।
शिवलिंग को जल चढ़ाने की सामग्री:
- तांबे या पीतल का लोटा (गंगाजल से धुला हुआ)
- गंगाजल या शुद्ध जल
- बेल पत्र (3 या 5, डंठल सहित)
- धतूरा (1 या 2 फली, गंगाजल में डूबी हुई)
- चावल (कुछ मुट्ठी)
- फूल (गुलाब, कमल, चंपा, आदि)
- फल (केला, सेब, संतरा, आदि)
- अगरबत्ती (5 या 11)
- घी (1 छोटा चम्मच)
- कपूर (1 छोटा टुकड़ा)
- रुई (दीपक जलाने के लिए)
- थाली
- चौकी
- आसन
पवित्र जल:
सबसे महत्वपूर्ण सामग्री जल है। जल को शुद्ध और ताजा होना चाहिए। आप गंगाजल, कुआं का जल, या घर का नल का जल भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
लोटा:
जल चढ़ाने के लिए तांबे या पीतल का लोटा सबसे अच्छा होता है। आप स्टील या प्लास्टिक का लोटा भी इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन धातु का लोटा अधिक शुभ माना जाता है।
फूल:
भगवान शिव को विभिन्न प्रकार के फूल अर्पित किए जा सकते हैं, जैसे कि बेलपत्र, कमल, गुलाब, और चंपा।
फल:
भगवान शिव को विभिन्न प्रकार के फल अर्पित किए जा सकते हैं, जैसे कि सेब, केला, संतरा, और अनार।
सूखे मेवे:
भगवान शिव को विभिन्न प्रकार के सूखे मेवे अर्पित किए जा सकते हैं, जैसे कि किशमिश, काजू, और बादाम।
बेल:
भगवान शिव को बेलपत्र बहुत प्रिय है। आप बाजार से ताजा बेलपत्र खरीद सकते हैं या घर में उगा सकते हैं।
धतूरा:
भगवान शिव को धतूरा भी अर्पित किया जाता है। धतूरा एक जहरीला फल है, इसलिए इसे सावधानी से शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए ।
नारियल:
भगवान शिव को नारियल भी अर्पित किया जाता है। आप नारियल को दो भागों में काटकर उसका पानी और गूदा अर्पित कर सकते हैं।
दीपक:
भगवान शिव को दीपक जलाकर अर्पित किया जाता है। आप घी या तेल का दीपक जला सकते हैं।
धूप:
भगवान शिव को धूप जलाकर भी अर्पित किया जाता है। आप विभिन्न प्रकार की धूप का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि चंदन, लोबान, और कपूर।
चंदन:
भगवान शिव को चंदन का तिलक लगाया जाता है। आप बाजार से तैयार चंदन का तिलक खरीद सकते हैं या घर पर चंदन की लकड़ी को पीसकर तिलक बना सकते हैं।
रोली:
भगवान शिव को रोली का तिलक भी लगाया जाता है। आप बाजार से तैयार रोली खरीद सकते हैं या घर पर चावल, लाल मिर्च, और केसर को पीसकर रोली बना सकते हैं।
अक्षत:
भगवान शिव को पूजा में अक्षत का भी उपयोग किया जाता है। आप बाजार से तैयार अक्षत खरीद सकते हैं या घर पर चावल को धोकर और सुखाकर अक्षत बना सकते हैं।
यह केवल जल चढ़ाने के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री की एक बुनियादी सूची है। आप अपनी श्रद्धा और क्षमता के अनुसार इन सामग्री में अपनी पसंद के अनुसार बदलाव कर सकते हैं।
शिवलिंग पर जल चढ़ाने की विधि: भगवान शिव को प्रसन्न करने का सरल उपाय
- स्थान तैयार करें: सबसे पहले, पूजा के लिए एक स्वच्छ और शांत स्थान चुनें। आसन बिछाकर उस पर चौकी रखें।
- शिवलिंग स्थापित करें: चौकी पर एक लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर शिवलिंग स्थापित करें।
- दीप प्रज्ज्वलित करें: रुई में घी भिगोकर दीपक जलाएं और शिवलिंग के सामने रखें।
- धूप जलाएं: अगरबत्ती जलाकर धूपदान में रखें और शिवलिंग को धूप दिखाएं।
- गंगाजल से स्नान: लोटे में गंगाजल भरकर शिवलिंग को स्नान कराएं। जल धीरे-धीरे चढ़ाएं और मन्त्र का जाप करें। (“ॐ नमः शिवाय”)
- बेल पत्र चढ़ाएं: गंगाजल में डुबोकर बेल पत्र को शिवलिंग पर चढ़ाएं। प्रत्येक बेल पत्र पर एक चावल का दाना रखें और मन्त्र का जाप करें। (“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनं नावहंतु नः”)
- धतूरा चढ़ाएं: गंगाजल में डूबी धतूरे की फली को शिवलिंग पर चढ़ाएं और मन्त्र का जाप करें। (“ॐ नमः शिवाय”)
- अन्य पूजन सामग्री चढ़ाएं: शिवलिंग पर चावल, फूल, फल भी चढ़ाएं।
- आरती करें: शिव आरती गाकर पूजा का समापन करें।
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कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- जल चढ़ाते समय ध्यान दें कि जल साफ और शुद्ध हो।
- जल को धीरे-धीरे और शिवलिंग के ऊपर से नीचे की ओर बहाएं।
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- पूजा के दौरान ध्यान केंद्रित करें और भगवान शिव के बारे में सोचें।
- नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
विशेष अवसरों पर जल चढ़ाने की विधि:
- सोमवार: सोमवार को “ॐ सोमनाथेश्वराय नमः” मंत्र का जाप करें।
- महाशिवरात्रि: महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भगवान् शिव की असीम कृपा होती है ।
- सावन: सावन महीने में सोमवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाना विशेष फलदायी होता है।
अतिरिक्त जानकारी:
आप शिवलिंग पर चंदन, हल्दी, और कुमकुम भी अर्पित कर सकते हैं।
आप शिवलिंग को फूलों से सजा सकते हैं।
आप भजन या शिव स्तुति का पाठ भी कर सकते हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पूजा-पाठ करते समय मन में पूर्ण श्रद्धा और भक्ति होनी चाहिए। तभी भगवान शिव आप की मनोकानए पूरी करेंगे
निष्कर्ष:
शिवलिंग पर जल चढ़ाना भगवान शिव की भक्ति और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने का एक सरल तरीका है। यह न केवल आध्यात्मिक शुद्धिकरण का माध्यम है, बल्कि मनोकामना पूर्ति और जीवन में शांति प्राप्त करने का भी एक प्रभावी उपाय है।
हमने आपको बताया कि शिवलिंग की पूजा करते समय शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाया जाता है और क्या-क्या पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है तो आपको ही हमारा लेख अच्छा लगा हो और यहां आपको कुछ और जानना हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं
Faqs शिवलिंग पर जल चढ़ाने की विधि: भगवान शिव को प्रसन्न करने का सरल उपाय
शिवलिंग पर जल चढ़ाने का मंत्र क्या है?
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय आप “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप कर सकते हैं। आप अपनी पसंद का कोई भी स्तोत्र या मंत्र भी जप सकते हैं।
शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाएं? बैठकर या खड़े होकर?
आप शिवलिंग पर जल बैठकर या खड़े होकर चढ़ा सकते हैं। यदि आप बैठकर जल चढ़ा रहे हैं तो ध्यान रखें कि आपका शरीर सीधा हो और आपका मन शांत हो।
शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल पीना चाहिए या नहीं?
शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल “पंचामृत” के रूप में जाना जाता है। इसे “प्रसाद” माना जाता है और इसे पीया जा सकता है।
शिवलिंग पर जल चढ़ाने के फायदे क्या हैं?
शिवलिंग पर जल चढ़ाने के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:
मनोकामना पूर्ति
पापों का नाश
मोक्ष की प्राप्ति
ग्रहों की शांति
आध्यात्मिक उन्नति
मानसिक शांति
शिवलिंग पर सबसे पहले जल कहां चढ़ाना चाहिए?
शिवलिंग पर सबसे पहले जल “शिवलिंग के मुख” पर चढ़ाना चाहिए।
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